संस्कृत या हिंदी में रचित मंत्रों, श्लोको, स्तोत्रों, पाठ, चालीसा आदि की उत्पत्ति हमारे वेदों एवं अन्य धार्मिक साहित्य के द्वारा हुई है।
इनकी पवित्र ध्वनि और कंपन, श्रोता के शरीर, मन, इंद्रियों एवं आत्मा को सकारात्मक उर्जा एवं सही दिशा प्रदान करने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये अद्भुत आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक शक्तियां से पूरित है ।
दिव्यवाणी यंत्र में 200 से अधिक घंटे की HD Stereo गुणवत्ता की रिकॉर्डिंग है और इसे बिना रुके 24x7 मंत्रों का उच्चारण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
मंत्रों को अक्सर माला के साथ 108 बार को बोलकर या सुनकर जप किया जाता है। ध्यान के इस रूप को ‘जाप’ के नाम से जाना जाता है।