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दिव्यवाणी से समाधान

वास्तु दोष क्या है? दिव्यवाणी आपकी कैसे मदद कर सकती है?

मत्स्य पुराण के अनुसार, वास्तु सभी भूखंडों का देवता (या दानव) है। इसका एक निश्चित एवं विशिष्ट शरीर है। इसका सिर नीचे की ओर लटका हुआ है और इसका शरीर जमीन की पूरी लंबाई-चौड़ाई में फैला हुआ है। नीचे वास्तु पुरुष मंडल चार्ट दिया गया है, जो 45 वर्गो मे बटा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति वास्तु पुरुष मंडल के अनुसार नहीं बनाया गये घर में रहता है उसे वास्तु परेशान करता है। सरल भाषा में इस प्रकार के घर में वास्तु दोष से ग्रसित कहते है।

गोस्वामी तुलसीदासजी ने लिखा है

"भूत पिशाच निकट नहीं आवै महावीर जब नाम सुनावै"।
भगवान हनुमान के नाम सुनने मात्र से भूत-प्रेत पास नहीं आते हैं।

भगवान हनुमान को पवन पुत्र (वायुमंडल के स्वामी के वंशज) भी कहा जाता है। वे वायु, वायुमंडल और इस प्रकार जीवन-श्वास - प्राण का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसा माना जाता है कि माता सीता ने भगवान हनुमान को वरदान दिया था कि वह उस स्थान पर उपस्थित रहेंगे जहां भगवान राम का नाम या विशेष रूप से रामायण का पाठ किया जाएगा।

हम आगको अपने परिसर के उत्तर पूर्व भाग में दिव्यवाणी के द्वारा रामचरित मानस या सुंदरकांड का लगातार पाठ चलाने की सलाह देते हैं। इससे श्री हनुमान सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर आभा का निर्माण करके वास्तु पुरुष (दानव) या अन्य बुरी शक्तियों के नकारात्मक प्रभावों को कम कर देंगे।


ग्रहों का श्राप (ग्रह दोष) ?

ग्रहों का श्राप अथवा ब्रह्मांडीय प्रभाव या ग्रह दोष भारतीय ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण पहलू है। जब जन्म कुंडली में कुछ ग्रह प्रतिकूल या विपरीत स्थिति में होते हैं, तो यह ग्रह दोष का कारण बनते हैं, जिससे जीवन में चुनौतियाँ, नकारात्मक प्रभाव और बाधाएँ आती हैं।

  • दिव्यवाणी में सभी नवग्रहों के शांति जाप, बीज मंत्र जाप और सभी नवग्रह गायत्री का एक अध्याय है। संबंधित ग्रहों से जुड़े दिनों में सुबह कम से कम 108 बार जाप करने/ सुनने की सलाह दी जाती है। यानी रविवार को सूर्य, सोमवार को चंद्रमा, मंगलवार को मंगल, बुधवार को बुध, गुरुवार को बृहस्पति, शुक्रवार को शुक्र, शनिवार को शनि, राहु, केतु के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिये।

  • आदित्य हृदय स्तोत्र - सूर्य देव की कृपा से आंतरिक शक्ति को मजबूत करता है। आदित्य हृदय स्तोत्र की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए, सुबह कम से कम 11 बार जाप करने की सलाह दी जाती है।

  • ऋण मोचन - मंगल दोष जीवन में ऋण जाल उलझाता है। ऋण मोचन, ऋण अदायगी में बाधाओं को कम करने में मदद करता है। मंगलवार की सुबह पूरी श्रद्धा के साथ इसे 21 बार सुनने की सलाह दी जाती है।

  • शनि सहस्रनामावली (शनि के 1008 नाम) और एकमुखी और पंचमुखी हनुमान कवच (ढाल) सहित हनुमान मंत्रों का संग्रह, साढ़े साती या ढैया (शनि का 7 या 2 ½ साल का अभिशाप) के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए हैं। साढ़े साती या ढैया अवधि के दौरान शनिवार की सुबह पूरी श्रद्धा के साथ इसे 21 बार सुनने की सलाह दी जाती है।

जीवन में आने वाली बाधाएं दूर करें ?

भगवान श्री गणेश को विघ्नेश्वर या विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, वे भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार की बाधाओं के स्वामी हैं। उन्हें लोकप्रिय रूप से बाधाओं को दूर करने वाले के रूप में पूजा जाता है, हालांकि परंपरागत रूप से वह उन लोगों के रास्ते में बाधाएं भी डालते हैं जिन्हें जांचने की आवश्यकता होती है।

भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए, DIVYAWANI में गणेश मंत्रों, जाप, चालीसा, गायत्री, सतनामावली (108 नाम), सहस्रनामावली, कवच, अथर्वशीर्ष, आदि का विशाल संग्रह है।

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स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ ?

भगवान शिव, जिन्हें महादेव , बैद्यनाथ (दिव्य उपचारक) या मृत्युंजय (मृत्यु, बीमारी और भय पर विजय पाने वाला) के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय देवता हैं। उन्हें अक्सर शक्ति और पुरुषत्व के साथ जोड़ा जाता है। भगवान शिव स्वास्थ्य और उपचार के संरक्षक भी हैं।

DIVYAWANI में शिव धुन जाप और महा मृत्युंजय मंत्र जाप का बड़ा संग्रह है। इसके अलावा इसमें शिव मंतरों का बड़ा संग्रह है।

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व्यापार और मौद्रिक लाभ के लिए ?

देवी लक्ष्मी न केवल हिंदू शास्त्रों में बल्कि जैन धर्म और बौद्ध धर्म में भी धन और समृद्धि की देवी हैं। हिंदू देवताओं के संरक्षक भगवान विष्णु की पत्नी, देवी लक्ष्मी अपने भक्तों को उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में धन, व्यापार में सफलता, शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं।

DIVYAWANI में लक्ष्मी मंत्रों, भजनों, जापों और आरतियों का बड़ा संग्रह है।

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उन्हें नियमित रूप से सुबह में सुनने की सलाह दी जाती है, खासकर शुक्रवार को।

सामान्य कल्याण और सकारात्मक ऊर्जा के लिलिए ?

दिव्यवाणी में ऊँ (ओम) जाप, गायत्री मंत्र संग्रह (56 प्रकार), श्याम जाप, श्री कृष्ण जाप और मंत्र हैं। इसमें आरती का भी बड़ा संग्रह है।

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